
100 साल पहले गणेशजी की प्रतिमा, राजबेड़ा में पहिए टूटे तो यहीं की स्थापना | Rajbeda Narayanpur Bastar
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में स्थित एक धार्मिक स्थल है। जो राजबेड़ा के नाम से जाना जाता है। राजबेड़ा में भगवान गणेश एवं मां दुर्गा
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में स्थित एक धार्मिक स्थल है। जो राजबेड़ा के नाम से जाना जाता है। राजबेड़ा में भगवान गणेश एवं मां दुर्गा
ककसाड़ नृत्य एक धार्मिक नृत्य है जिसे करते समय नर्तक युवा अपने कमर में पीतल अथवा लोहे की घंटियां से बना कमरबंध, हिरनांग बांधे रहते
बस्तर में पके धान की बालियों को आकर्षक तरीके से गूँथ कर वंदनवार बनाया जाता है जिसे ‘सेला’ कहा जाता है जो हल्बी शब्द है।
बस्तर में देवी– देवताओं की संख्या अनगिनित है, कुछ देवी देवता ऐसे भी हैं जिनका नाम सभी स्थानों पर सुनने को मिलता है परन्तु अधिकांशत
घोटुल एक तरह का सामुदायिक स्थान को कहा जाता है, जिसमें पूरे गाँव के बच्चे व किशोर सामूहिक रूप से रहते हैं, यह छत्तीसगढ़ के
छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला बस्तर संभाग का हृदय क्षेत्र है. यहां माई दंतेश्वरी का मंदिर, बैलाडिला पर्वत श्रंखला, शंखिनी-डंकिनी और इन्द्रावती नदियां, रेलवे लाईन, लौह
बस्तर के जीवन में बांस का विशेष महत्व – बस्तर Bastar में बांस Bamboo बहुतायत में उगता है। यह इस क्षेत्र की जीवन शैली का
गोबरहीन मंदिर ऐतिहासिक व धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। बस्तर में विभिन्न राजवंशो जैसे गॅंग, नल , छिन्दक नागवंश , चालुक्य वंश आदि ने कई
मामा-भांचा मंदिर Mama Bhanja Temple Barsur आज हम बस्तर की खुबसूरत वादियों में स्थापित मामा-भांचा मंदिर के बारे में जानेगें यह मंदिर जगदलपुर दन्तेवाड़ा मार्ग
आंगा देव Aanga dev बस्तर के आदिवासी समुदाय के एक देवता हैं, जिसकी पूजा किसी भी शुभ कार्य के पहले की जाती है। आंगा देव