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बस्तर में कुम्हड़ा कद्दू की प्रमुख विशेषताये क्या है? जानिए | Bastar Pumpkin
हम सभी मानते हैं कि किसी भी प्रान्त का खान -पान वहां की भौगोलिक स्थिति , जलवायु और वहां होने वाली फसलों पर निर्भर करता है। छत्तीसगढ़ एक वर्षा और वन...
इंद्रावती नदी को बस्तर की जीवनदायनी क्यों कहा गया है? | Indravati River Bastar
आज हम बस्तर की जीवनरेखा कही जाने वाली इंद्रावती नदी के बारे में इस आर्टिकल के माध्यम से जानेगें। इंद्रावती नदी बस्तर के लोगों के लिए आस्था और भक्ति का प्रतीक...
मां दंतेश्वरी ने महिषासुर का वध इसी जगह पर किया था ? “बड़े डोंगर”...
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के कोंडागांव जिले के अंतर्गत फरसगांव से 30 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम बडे डोंगर की पहाड़ी पर मां दंतेश्वरी विराजमान हैं। यहां की परंपरा बस्तर दशहरा...
100 साल पहले गणेशजी की प्रतिमा, राजबेड़ा में पहिए टूटे तो यहीं की स्थापना...
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में स्थित एक धार्मिक स्थल है। जो राजबेड़ा के नाम से जाना जाता है। राजबेड़ा में भगवान गणेश एवं मां दुर्गा की एक प्राचीन प्रतिमा स्थित है,...
बस्तर के प्रकृति रिश्तों को जोड़ते हैं ककसाड़ नृत्य | Kaksar Nritya Bastar
ककसाड़ नृत्य एक धार्मिक नृत्य है जिसे करते समय नर्तक युवा अपने कमर में पीतल अथवा लोहे की घंटियां से बना कमरबंध, हिरनांग बांधे रहते हैं, इसके अलाव युवा अपने सिर...
सदियों पुरानी परम्परा, धान के बालियों से बनते है सेला झालर | Bastar Dhan...
बस्तर में पके धान की बालियों को आकर्षक तरीके से गूँथ कर वंदनवार बनाया जाता है जिसे ‘सेला’ कहा जाता है जो हल्बी शब्द है। यह बस्तर के बाजारों में सभी...
बस्तर के पूर्वज देवी-देवताओं के नाम | Bastar Ke devi Devta
बस्तर में देवी– देवताओं की संख्या अनगिनित है, कुछ देवी देवता ऐसे भी हैं जिनका नाम सभी स्थानों पर सुनने को मिलता है परन्तु अधिकांशत प्रत्येक गांव में नए नए देवी...
घोटुल प्रथा बस्तर आदिवासी Ke Log Kaise Banate hai ?
घोटुल एक तरह का सामुदायिक स्थान को कहा जाता है, जिसमें पूरे गाँव के बच्चे व किशोर सामूहिक रूप से रहते हैं, यह छत्तीसगढ़ के बस्तर, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के...