बस्तर क्षेत्रों का परम्परागत त्यौहार नवाखाई त्यौहार

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बस्तर के नवाखाई त्यौहार:- बस्तर का पहला पारम्परिक नवाखाई त्यौहार Nawakhai festival बस्तर Bastar में आदिवासियों के नए फसल का पहला त्यौहार होता है, जिसे विशेष उत्साह व धूमधाम से मनाया जाता है नवाखाई त्यौहार एक कृषि का त्यौहार है, नुआ का अर्थ ‘नया’ और खाई का अर्थ ‘खाना’ होता है। नवाखाई त्यौहार के दिन देवी-देवताओं एंव अपने पूर्वजों की पूजा की जाती है।

यहा पर इस त्यौहार को उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है इस त्यौहार में खेतो पर उगने वाले धान की नई फसल की बालियों को तोड़कर उन्हें आग में भूना जाता है। और उसे कूटकर इसमें गुड और चिवड़ा मिला कर अपने देवी अन्नपूर्णा और घर के देवी देवता एंव पूर्वजों को अर्पित कर पूजा किया जाता है और उसे प्रसाद के रूप में पुरे परिवार बैठकर ग्रहण करते है।

चिवड़ा ग्रहण करने के बाद में मांसाहार तथा मदिरापान भी सम्मिलित किया जाता है। इस दिन घर के सभी लोग और अपने रिश्तेदार चाहे वो जहाँ भी रहते हों अपने पुस्तैनी घर में जमा होते हैं। इस पर्व पर विशेष रुप से बस्तर अंचल के लोग चिवड़ा एवं गुड़ का प्रसाद तैयार करते है। बस्तर में नवा खानी त्यौहार धान के अलावा आम के सीजन में भी मनाया जाता है।

नवाखाई तिहार बस्तर में कैसे मानते है?

बस्तर में नवाखाई त्यौहार:- नवाखाई त्यौहार खेतो पर उगने वाले धान की नई फसल की बालियों को तोड़कर उन्हें आग में भूना जाता है। और उसे कूटकर इसमें गुड और चिवड़ा मिला कर अपने देवी अन्नपूर्णा और घर के देवी देवता एंव पूर्वजों को अर्पित कर पूजा किया जाता है और उसे प्रसाद के रूप में पुरे परिवार बैठकर ग्रहण करते है।

दूसरा दिन बासी तिहार मौज मस्ती, खाने-पीने और आनंद का दिन और तीसरा दिन एक दुसरे के घर जाकर नवाखानी का बधाई व शुभकामनायें देते है। और बड़ों का पांव छूकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं,और वहीं युवा वर्ग शुभकामनाएं व्यक्त करते हैं।

यह सिलसिला पुरे महीने चलता है सभी गाँवों में यह पर्व अलग-अलग तिथियों में मनाया जाता है और इस दौरान कब्बडी एंव अन्य खेलों का भी आयोजन किया जाता है।

बस्तर में नवाखाई त्यौहार कब होता है?

बस्तर में नवाखाई त्यौहार:- यहां हर मौसम और क्षेत्र का एक त्यौहार होता है। सितम्बर के महीने में एक के बाद एक त्यौहार का दौर शुरू हो जाता है, पर नवाखाई त्यौहार बस्तर में बरसात के सीजन में नई फसल तैयार होने पर मनाया जाता है अलग-अलग गांवो में अलग-अलग तिथियों में मनाया जाता है। किसान इसे अपनी सुविधा अनुसार मनाते है।

नवाखाई बस्तर कि संस्कृति

नवाखाई त्यौहार बस्तर की एक अलग ही संस्कृति है जिसे बस्तर के ग्रामवासी इस त्यौहार को बड़े ही धुमधाम से मनाते है जो बस्तर में सामाजिक प्रक्रिया का एक अंग माना जाता है। नवाखाई त्यौहार में वैवाहिक संबंधों को जोड़ने के लिए वर-वधू की तलाश शुरू कर दी जाती है और परिवार में योग्य युवक युवतियों के लिए संबंध तय हो जाने के बाद सही समय देखकर विवाह का आयोजन किया जाता है।

यह भी पढे – लूप्त होती जा रही बस्तर की यंह परंपरा

इस दौरान गॉव के लोग के द्वारा गेड़ी (लकड़ी का एक यंत्र) पर चढ़कर ये त्यौहार मनाते हैं। नवाखाई के बाद गेड़ी को गांव के बाहर एक स्थान पर छोड़ दिया जाता है। इसी समय फसल और जानवरों को बीमारियों से बचाने के लिए ग्राम की गुड़ी (मंदिर) में देवी-देवताओं को भेंट भी चढ़ाई जाती है।

नवाखाई त्यौहार छत्तीसगढ़

नवाखाई त्यौहार छत्तीसगढ़ बस्तर का पहला त्यौहार माना जाता है जिसे बस्तर में ही नहीं बल्कि पुरे छत्तीसगढ़ में बनाया जाता है यंह त्यौहार परंपरानुसार अपने-अपने क्षेत्र के अनुसार बनाया जाता है अगर यह जानकारी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके जरूर बताऐ और ऐसी ही जानकारी daily पाने के लिए हमारे Facebook Page को like करे इससे आप को हर ताजा अपडेट की जानकारी आप तक पहुँच जायेगी।

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