हरेली त्यौहार कब क्यों और कहां मनाया जाता है……!

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हरेली त्यौहार क्या होता है- हरेली तिहार Hareli Tihar किसानों का सबसे बडा महत्वपूर्ण त्योहार है। हरेली शब्द हिंदी शब्द ‘हरियाली’ से उत्पन्न हुआ है हरेली Hareli जिसे हरियाली के नाम से भी जाना जाता है इसे छत्तीसगढ़ में प्रथम त्योहार के रुप में माना जाता है।

किसानो का यह अपना त्यौहार है जिसे वह अपने दवारा इस्तेमाल में लायी जाने वाली हल, बैल, और तरह तरह के औजार जो खेती बाड़ी में काम आते हैं की पूजा करते हैं. सावन की अमावस्या को मनाया जाने वाला पर्व हरेली तिहार बस्तर में बडे ही धुम-धाम से मनाया जाता है। यह छत्तीसगढ़ के बस्तर का मुख्य रूप से महत्वपूर्ण त्यौहार है।

हरेली त्यौहार कब मनाया जाता है:-

हरेली त्यौहार हर साल सावन के अमावस्या को मनाया जाता है. ये त्यौहार छत्तीसगढ़ी जीवन शैली और प्रकृति से जुड़ा हुआ है. हरेली यानी कि हरियाली: हरेली का अर्थ होता है हरियाली. इस दिन छत्तीसगढ़ वासी पूजा अर्चना कर पूरे विश्व में हरियाली छाई रहने की कामना करते हैं. उनकी कामना होती है कि विश्व में हमेशा सुख शांति बनी रहे. हरेली तिहार Hareli Tihar जो जुलाई और अगस्त के बीच वर्षा ऋतु में होता है।

सावन के महीने में हरियाली की चादर ओढ़े धरती का श्रृंगार देखते ही बनाता है। यह त्यौहार श्रावण के महीने के प्रारंभ को दर्शाता है जो कि हिंदुओं का पवित्र महीना है। इस त्यौहार को इन्हीं कामनाओं के साथ अच्छे से पवित्र मन के साथ मनाया जाता है.

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हरेली त्यौहार कैसे मनाते हैं:-

हरेली त्योहार किसान लोक पर्व हरेली पर खेती-किसानी में काम आने वाले उपकरण और बैलों की पूजा किया जाता है। करीब डेढ़ माह तक जी तोड़ मेहनत करते किसान लगभग बुआई और रोपाई का कार्य समाप्त होने के बाद अच्छी फसल की कामना लिये सावन के दूसरे पक्ष में हरेली का त्योहार मनाते हैं जो किसानो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

इस दिन किसान खेती में उपयोग होने वाले सभी औजारों की पूजा करते हैं। गाय बैलों की भी पूजा की जाती है। और गेंड़ी सहित कई तरह के पारंपरिक खेल भी हरेली तिहार Hareli Tihar के आकर्षण होते हैं।

सुबह से ही किसान अपने जीवन सहचर पशुधन और किसान की गति के प्रतीक कृषियंत्र नांगर हल, जुड़ा, चतवार, हंसिया, टंगिया, बसूला, बिंधना, रापा, कुदारी, आरी, भँवारी के प्रति कृतज्ञता अर्पित करते हैं। और किसानिन घर में पूरे मन से गेंहू आटे में गुड़ मिलाकर चिला रोटी बडा बनाती है। चिला रोटी बडा कृषियंत्रों को समर्पित किया जाता है।

हरेला किस राज्य का उत्सव है:-

हरेली त्योहार किसान लोक पर्व हरेली छत्तीसगढ़ का त्यौहार है जिसे किसान परिवार बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. बस्तर में यही त्यौहार अमूस तिहार के नाम से मनाया जाता है.

हरेली उत्सव छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध उत्सवों में से एक है। यह छत्तीसगढ़ का एक पुराना पारंपरिक त्योहार है जो हिन्दुओं के पवित्र महीने श्रावण व शुरुआत का प्रतीक है। हरेली त्योहार वास्तव में वर्ष के मॉनसून पर केंद्रि फसल का त्योहार है।

हरेली त्यौहार क्यों मनाया जाता है:-

हरेली त्यौहार छत्तीसगढ़ बस्तर प्रमुख त्यौहार माना जाता है हरेली अमावस्या के दिन होने के साथ-साथ कृषि पर आधारित इस त्यौहार को हरेली तिहार के माध्यम से छत्तीसगढ़ी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से भी राज्य में मनाने का निर्णय लिया गया है।

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बस्तर क्षेत्र में आज भी ग्रामीणजनों के द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ हरेली का पर्व मनाया जाता है खेतों से संबंधित उपकरण और गायों की इस शुभ दिन पर किसान पूजा करते हैं ताकि पूरे वर्ष अच्छी फसल सुनिश्चित हो सके। हरेली पर्व के माध्यम से बस्तर के किसान भगवान से अच्छी फसल की भी कामना करते है। घरों के प्रवेश द्वार नीम के पेड़ की शाखाओं से सजाए जाते हैं। किसान लोक पर्व हरेली पर आज खेती किसानी में काम आने वाले उपकरण और बैलों की पूजा करेंगे।

छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार हरेली:-

हरेली त्यौहार छत्तीसगढ़ का प्रथम त्यौहार माना जाता है, जिसे प्रतिवर्ष सावन माह में हरेली अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्यौहार छत्तीसगढ़ के किसानों के लिये विशेष महत्त्व रखता है। धान की बुआई के बाद किसानों द्वारा हरेली के दिन सभी कृषि एवं लौह औज़ारों की पूजा की जाती है।

हरेली पर्व में किसान बैलों और हल सहित विभिन्न औज़ारों की विशेष पूजा करने के बाद खेती-किसानी का काम शुरु करते हैं। हरेली त्यौहार के दिन घरों में इस त्यौहार का विशेष व्यंजन ‘चीला’ बनाया जाता है। इसे औज़ारों में चढ़ाकर इसकी पूजा की है। हरेली के दिन पुरुषों के द्वारा गेड़ी बनाकर उस पर चढ़ा जाता है।

कहीं-कहीं गेड़ी दौड़ का आयोजन भी किया जाता है। अगर यह जानकारी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके जरूर बताऐ और ऐसी ही जानकारी daily पाने के लिए हमारे Facebook Page को like करे इससे आप को हर ताजा अपडेट की जानकारी आप तक पहुँच जायेगी।

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