बारसूर: विश्व की तीसरी सबसे बड़ी पत्थर से निर्मित, युगल गणेश जी की प्रतिमाएं | Barsur Ganesh Temple In Chhattisgarh

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छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित बारसूर को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। यहां वैसे तो काफी प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। लेकिन बारसूर के जुड़वां गणेश मंदिर शायद पूरी दुनिया में अनोखा है। इस मंदिर में दो गणेश प्रतिमा स्थापित किया गया है। एक की ऊंचाई सात फ़ीट और दूसरी की पांच फ़ीट है। इन मूर्ति के निर्माण में कलाकार ने बड़ी ही शानदार कलाकारी दिखाई है।

बारसूर शब्द की उत्पत्ति बालसूरी शब्द से मानी जाती है, बालसूरी कालान्तर में बारसूरगढ़ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। प्राचीन युग में यह नगरी बेहद समृध्द व वैभवशाली नगरी थी, बारसूर के चारों दिशाओं में यहाँ के शासकों के द्वारा 10-10 मील दूर तक कई मंदिर और तालाब बनवाये जिस कारण इसे मंदिरो और तालाबो कि नगरी भी कहा जाता है।

पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर का निर्माण राजा दैत्येन्द्र बाणासुर ने करवाया था दैत्येन्द्र बाणासुर की पुत्री उषा और उनके मंत्री कुमांद की पुत्री चित्रलेखा के बीच घनिष्ठ मित्रता थी, भगवान गणेश इन दोनों के ही आराध्य देव थे, इनकी अटूट श्रद्धा भक्ति देख राजा बाणासुर ने एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया, जिसमे भगवान गणेश की दो प्रतिमाएं यहाँ एक ही स्थान पर स्थापित करवाईं गई। दोनों ही सखियां इनकी पूजा-अर्चना किया करती थी।

यह भी पढें – बारसूर को प्राचीन मंदिर एंव तालाबों की नगरी क्यों कहा जाता है?

कहा जाता है कि बड़े गणपति की प्रतिमा अपनी बिटिया रानी और राजकुमारी उषा के लिए और छोटी गणेश जी की प्रतिमा अपने मंत्री के बेटी चित्रलेखा के लिए निर्मित करवाई। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणपति अपने दोनों भक्तो उषा और चित्रलेखा के अटूट भक्तिभाव से बहुत प्रसन्न हुए थे यही कारण है कि इस स्थान पर सच्चे मन से मांगी गई मनोकामनाएं फलित होती है।

इस प्रतिमा में गणेश जी के उपरी दायें हाथ में परशु तथा निचला हाथ अभय मुद्रा में है इसी तरह उपरी बायें हाथ में गदा तथा निचले बायें हाथ में वे मोदक धारण किये हुए हैं। प्रतिमा के ठीक नीचे चलती हुई मुद्रा में मूषक अंकित किया गया है। इस परिसर में अभी भी मंदिरों के अवशेष बिखरे हुए नजर आते है। पुरातत्व विभाग की अगर माने तो यहां उन दौरान इस विशालकाय गणेश जी की प्रतिमा के चारो ओर छ: मंदिर हुआ करती थी।

कैसे पहुचें

जगदलपुर से 75 कि0मी0 दूर दंतेवाड़ा जाने के मार्ग पर स्थित गीदम से बारसुर 24 कि0मी0 दूर पर स्थित है। यहां से आपको बस या टैक्सी के द्वारा इस मंदिर में पहुंच सकते है। इस जगह पर आपको एक बार जरूर जाना चाहिए अगर यह जानकारी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके जरूर बताऐ और ऐसी ही जानकारी daily पाने के लिए हमारे Facebook Page को like करे इससे आप को हर ताजा अपडेट की जानकारी आप तक पहुँच जायेगी।

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