आम खाने से पहले बस्तर में की जाती है, यह अनोखी परंपरा आमा तिहार

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आमा तिहार अमजोगनी Aama Tihar – बस्तर अपनी संस्कृति और परंपरा के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां के ग्रामीण प्रकृति के उपासक होते हैं, और अपने सभी कार्यों का शुभारंभ धरती मां की पूजा अर्चना के साथ करते हैं। बस्तर के सभी त्यौहार अत्यधिक महत्वपूर्ण होते है, जिसे ग्रामिणों के द्वारा बहुत ही हर्षोलास के साथ बनाया जाता है चाहे वह दशहरा हो या होली। इन त्यौहारों को मनाए जाने का करण कुछ अलग होते है। इन्ही त्यौहारों में से एक है आमा तिहार जिसे आम के मौसम से पहले मनाया जाता है। जिसे आमखानी, आमखाई, आमाजात्रा व अमजोगनी भी कहा जाता है।

इस आमा तिहार में बस्तर के ग्रामीणजन बिना इष्ट देवी-देवताओं को चढ़ाये आम खाने की शुरूआत नहीं करते है। आमा तिहार के दिन आम तोड़कर पहले अपने इष्ट देवी-देवताओं को समर्पित करते है उसके बाद ही आम खाना प्रारंभ करते है। इस दिन को ग्रामीणजन के द्वारा बड़े हर्षोलास साथ मनाया जाता है इस दिन खाना-पीना तथा हंसी खुशी होती है।

आमा तिहार पर्वों में ग्राम के पुजारी व घर के लोग एकत्रित होकर इष्ट देवी-देवताओं को पूरे विधि- विधान और परंपरा के साथ पूजा अर्चना की जाती है और पशु-पक्षियों की बलि व मदिरा, सल्फी अर्पित किया जाता है, इस पर्व के उपलक्ष्य में गांव के लोगों को भी आमंत्रित किया जाता है।

इस पूजा विधान के बाद ही ग्रामीण आम के फल को तोड़ते हैं, और उसे खाते हैं, कुछ जगहों पर इसे आमा नया खाई भी कहा जाता है। ऐसी ही जानकारी daily पाने के लिए हमारे Facebook Page को like करे इससे आप को हर ताजा अपडेट की जानकारी आप तक पहुँच जायेगी।

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