तीन चरण में गिरता है मलाजकुडुम जलप्रपात – MalajKudum Waterfall Kanker

मलाजकुडुम-जलप्रपात-MalajKudum-Waterfall-Kanker

मलाजकुडूम जलप्रपात MalajKudum Waterfall कांकेर Kanker जिले में स्थित है यह जलप्रपात कांकेर से लगभग 18 कि0मी0 की दूरी पर मलाजकुडुम नामक एक छोटा सा गांव है, जंहा मलाजकुडूम जलप्रपात MalajKudum Waterfall स्थित है।

मलाजकुडुम नामक गॉव में जलप्रपात स्थित होने के कारण इसे मलाजकुडूम जलप्रपात MalajKudum Waterfall कहा जाता है।

इस गांव के पास ही पहाड़ी पर कई भागों में विभाजीत उंचा जलप्रपात, वास्तव में दुध नदी का एक स्त्रोत है जो कि कांकेर शहर के मध्य से बहती है।

यह भी पढें – बस्तर का 540 फिट ऊंचा जलप्रपात नम्बी जलप्रपात

इस जलप्रपात के उपर जाने के लिये पहाड़ी पर पक्की सीढ़ियां बनी हुई है जलप्रपात के उपर पहुंचने पर दो पहाड़ों के मध्य से चीरती हुई दुध नदी सीधे 60 फीट नीचे गिरती है, यह जलप्रपात तीन चरण में गिरता है

पहला चरण में 60-65 फीट की ऊंचाई पर दूसरा चरण 40-45 फीट और तीसरा चरण 20-25 फीट ऊंचा जलप्रपात है जलप्रपात के उपर नदी का बहाव अत्यंत तेज होता है।

जलप्रपात के उपर से देखने पर चारों तरफ हरे भरे पर्वत श्रृंखलाओं के मनमोहक दृश्य दिखायी पड़ता है शहर के कोलाहल से दुर चारों तरफ फैली शांति मनमोहक प्राकृतिक दृश्य जलप्रपात में गिरती हुई असंख्य धाराओं की मधुर संगीत मन को बेहद ही शांति प्रदान करते है।

इस पानी की गिरावट ढलान एक की तरह होता है और लहरें बहुत ही आकर्षक होता है जो देखते बनता है मलाजकुडूम जलप्रपात MalajKudum Waterfall में साल के किसी भी मौसम में यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

यह जलप्रपात सबसे अच्छे लगने वाले झरने में से एक है गहरा पानी नीचे कदम से बहता है इस जलप्रपात में जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मार्च के बीच है.

इस समय जलप्रपात अपने सबाब में रहता है जो बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है यह जगह पिकनिक के लिए एक आदर्श जगह है।

कैसे पहोचें?

रायपुर से जगदलपुर के मुख्य मार्ग सड़क में कांकेर के पास से स्वयं के वाहन से मलाजकुडूम जलप्रपात MalajKudum Waterfall पहुंचा जा सकता है।

दो से तीन घंटे के समय में इस जलप्रपात के सौंदर्य को निहारा जा सकता है। ऐसी ही जानकारी daily पाने के लिए हमारे Facebook Page को like करे इससे आप को हर ताजा अपडेट की जानकारी आप तक पहुँच जायेगी।

!! धन्यवाद !!

 

इन्हे भी एक बार जरूर पढ़े :-

सात कुण्डों में गिरती है लंकापल्ली जलप्रपात
कोण्डागॉव का सबसे खुबसूरत सीढ़ीनुमा जलप्रपात
दंतेवाड़ा का सबसे उंचा फुलपाड़ जलप्रपात
तीन पहाड़ियों के पीछे छिपी है नीलम सरई जलप्रपात

Share:

Facebook
Twitter
WhatsApp

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

On Key

Related Posts

बस्तर-क्षेत्रों-का-परम्परागत-त्यौहार-नवाखाई-त्यौहार

बस्तर क्षेत्रों का परम्परागत त्यौहार नवाखाई त्यौहार

बस्तर के नवाखाई त्यौहार:- बस्तर का पहला पारम्परिक नवाखाई त्यौहार Nawakhai festival बस्तर Bastar में आदिवासियों के नए फसल का पहला त्यौहार होता है, जिसे

बेहद-अनोखा-है-बस्तर-दशहरा-की-डेरी-गड़ई-रस्म

बेहद अनोखा है? बस्तर दशहरा की ‘डेरी गड़ई’ रस्म

डेरी गड़ाई रस्म- बस्तर दशहरा में पाटजात्रा के बाद दुसरी सबसे महत्वपूर्ण रस्म होती है डेरी गड़ाई रस्म। पाठ-जात्रा से प्रारंभ हुई पर्व की दूसरी

बस्तर-का-प्रसिद्ध-लोकनृत्य-'डंडारी-नृत्य'-क्या-है-जानिए

बस्तर का प्रसिद्ध लोकनृत्य ‘डंडारी नृत्य’ क्या है? जानिए……!

डंडारी नृत्य-बस्तर के धुरवा जनजाति के द्वारा किये जाने वाला नृत्य है यह नृत्य त्यौहारों, बस्तर दशहरा एवं दंतेवाड़ा के फागुन मेले के अवसर पर

जानिए-बास्ता-को-बस्तर-की-प्रसिद्ध-सब्जी-क्यों-कहा-जाता-है

जानिए, बास्ता को बस्तर की प्रसिद्ध सब्जी क्यों कहा जाता है?

बस्तर अपनी अनूठी परंपरा के साथ साथ खान-पान के लिए भी जाना जाता है। बस्तर में जब सब्जियों की बात होती है तो पहले जंगलों

Scroll to Top
%d bloggers like this: