बस्तर Bastar में पक्षियों को शिकार करना आम बात है ऐसा ही एक पक्षी है, जो धान कटाई पूर्ण होने के बाद खेतों में धान के कुछ बिखरे हुये दाने बच जाते है। उन दानों को चुगने के लिये पहोचते है जिसे लावा Lava या बटेर Bater कहा जाता है, जिसे किसान धान कटाई के बाद खेतों में इन पक्षियों का शिकर करते है।
कैसे होता है लावा
लावा Lava भूरे रंग के होते है जिस पर काले रंग के धब्बे बने होते हैं यह भूमि पर रहने वाले जंगली पक्षी हैं ये ज्यादा लम्बी दूरी तक उड़ नहीं सकते हैं।
इनका घोंसले जंगल या खेतों के आस पास ही होता है ये अपने घोंसला पेड़ों पर नहीं बल्कि जमीन पर ही घास के बीच बनाते है और यही वो अंडे भी देती है अंडे का रंग भी लावा के शरीर के रंग का होता है।
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प्राय: ये जंगल या खेत में पैदल घूमता नजर आता है उसके रंग के कारण वह आसानी से नजर नहीं आता, किसी के निकट आते ही ये फुर्र की आवाज़ के साथ उड़ जाता है। इनका भोजन धान, मंडिया, कोदो, दीमक आदि हैं।
लावा बटेर का शिकार
लावा Lava जैसे ही धान कटाई खत्म हो जाता है वैसे ही खेतों में धान चुगने पहुंच जाते है, ग्रामीण इसका शिकार गुलेल, तीर, धनुष व डंडे में गोंद लगाकर छोड़ देते हैं, इस पर बैठते ही लावा के पैर चिपक जाते हैं।
पारदी जाति द्वारा पाले गए बाज भी लावा पर आक्रमण कर अपने उस मालिक को सौंप देते हैं शिकार के एक अन्य तरीके में धान कटाई के बाद शिकारी लगभग कमर की ऊंचाई में एक लंबा चौड़ा जाल लेकर खेतों में घूमता है, और अचानक जल को जमीन में पटक देता है।
आहट पाकर ऊपर उड़ने की कोशिश में लगा लावा Lava उसी से टकराकर गिर जाता है, ग्रामीण इन्हें पकड़ लेते हैं लावा पक्षी का मांस बड़ा लज़ीज़ और शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है, जिसके चलते लोग इसका बहुत ज्यादा शिकार करते हैं।
एक लावा बटेर Lava Bater की कीमत लगभग 100 रूपये होती है। उम्मीद करता हूँ यहं जानकारी आप को पसंद आई। हो सके तो अपने दोस्तो के साथ भी शेयर जरूर करे। ऐसी ही जानकारी daily पाने के लिए हमारे Facebook Page को like करे इससे आप को हर ताजा अपडेट की जानकारी आप तक पहुँच जायेगी।
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