गुमरगुंडा शिव मंदिर में दी जाती है बच्चों को वैदिक शिक्षा – Shiva temple

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बस्तर Bastar के दंतेवाड़ा Dantewada के बीजापुर मार्ग के गुमरगुंडा gumargunda में एक शिव मंदिर shiva temple स्थित है जंहा भगवान शिव विराजमान है।

गुमरगुंडा Gumargunda स्थित शिवालय की स्थापना 41 साल पहले हुई थी, लेकिन एक दशक से इसकी महत्ता बढ़ी। गुमरगुंडा Gumargunda के नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रधालुओं की संख्या बढ़ने लगी है।

वहीं मंदिर में एक साथ तीन शिवलिंग की स्थापना की गई है। इस मंदिर में सोमवार के अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त पूजन व दर्शन के लिए पहुंचतें है गुमरगुंडा शिव मंदिर Gumargunda shiva temple में लोग अब सावन और शिवरात्रि shivaratri ही नहीं बारह माह किसी भी दिन आराधना के लिए पहुंचते हैं।

सोमवार की सुबह से ही आसपास के क्षेत्रों में भगवान शिव के मंदिरों में उनका दूध दही से अभिषेक किया जाता है और नगर स्थित शिव मंदिर shiva temple , गुमरगुंडा, व समलूर के शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का ताता लगा रहता है।

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गुमरगुंडा शिव मंदिर Gumargunda shiva temple की खासियत है कि यहां एक पहाड़ी नाला का पानी मंदिर के नीचे स्थित कुंड से हो कर गुजरता है। गर्मियों में नाला सूख भी जाए तो कुंड में पानी बना रहता है इसी कुंड के पानी से श्रद्घालु तीनों शिवलिंग को जलाभिषेक करते हैं।

यह शिवलिंग इसी कुंड के सफाई के दौरान प्राप्त हुई थी बाद में नवनिर्मित मंदिर temple में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान जलहरि दक्षिण भारत से मंगवाई गई।

आश्रम में वैदिक शिक्षा

आश्रम में वैदिक शिक्षा- यहां पर आश्रम संचालित है और यहाँ आदिवासी बच्चों को वैदिक शिक्षा दी जाती है यह मंदिर temple और यहां संचालित आश्रम ऋषिकेश आश्रम काशी से संबध हैं इस लिए यहां के बच्चों को वैदिक संस्कार भी दिए जा रहे हैं। मंदिर और आश्रम स्थापना के प्रणेता स्वामी सदाप्रेमानंद जी ने इस स्थल गुफा में तपस्या की थी।

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मंदिर का निर्माण श्री काशी विश्वनाथ मंदिर temple की शैली में किया गया है। उम्मीद करता हूँ यहं जानकारी आप को पसंद आई। हो सके तो अपने दोस्तो के साथ भी शेयर जरूर करे। ऐसी ही जानकारी daily पाने के लिए हमारे Facebook Page को like करे इससे आप को हर ताजा अपडेट की जानकारी आप तक पहुँच जायेगी।

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