बस्तर के मुर्गा लड़ाई में होती है लाखों की कमाई – Bastar murga ladai

बस्तर-के-मुर्गा-लड़ाई-में-होती-है-लाखों-की-कमाई-Bastar-murga-ladai

बस्तर Bastar के आदिवासी क्षेत्रों में ग्रामीणों के मनोरंजन के साधनों में शुमार है मुर्गा लड़ाई murga ladai, बस्तर आँचल में मुर्गा लड़ाई बहुत ज्यादा प्रचलित है, बस्तर के आदिवासियों का पारंपरिक संस्कृति युक्त मनोरंजन का खेल है मुर्गा लड़ाई murga ladai जिसमें दांव लगाए जाते है।

मुर्गा लड़ाई बस्तर सम्भाग के सम्पूर्ण क्षेत्र गांव में खेले जाते हैं यहाँ सप्ताह में हर दिन कहीं न कहीं मुर्गा बाजार Murga Bazar होता ही है इस लड़ाई में शामिल होने होड़ खेलने के लिए आस पास के गांव वाले के अलावा दूर-दूर से भी लोग जाते हैं इस लड़ाई में दो मुर्गों को आपस मे लड़ाया जाता है।

यहां लड़ाई के लिए पहले से ही मुर्गों को तैयार कर एक दूसरे से लड़ाया जाता है, इसमें जीतने वाला मुर्गा मालिक को हारने वाला मुर्गा को अपने साथ ले जाता है, मुर्गा लड़ाई murga ladai में ग्रामीण द्वारा लाखों रूपए का दांव खेला जाता हैं।

मुर्गा लड़ाई के लिए बाजार स्थल में ही गोल घेरा लगाकर बाड़ी बनाया जाता है। जिससे लड़ाये जाने वाले दोनों मुर्गो के एक-एक पैर में तेज धार वाला हथियार काती बांध दिया जाता है, जिस मुर्गे का हथियार काती उसके विपरीत वाले मुर्गे को पहले मार के डराने में सफल होता है, वह मुर्गा जीत जाता है।

यह भी पढें – बस्तर का पहला पारम्परिक नवाखानी त्यौहार

इस खेल में लोग बहुत पैसा होड़ खेलते हैं जीतने वाले को दोगुना या तीगुना मिलता है चाहे आज आधुनिक युग में टीवी, सीडी, मोबाइल उपलब्ध हो गया है, लेकिन ग्रामीण मुर्गा लड़ाई में भी विशेष रूचि दिखाते हैं।

बाजारों में होती है मुर्गा लड़ाई

बाजारों में होती है मुर्गा लड़ाई – मुर्गा लड़ाई बस्तर सम्भाग के सम्पूर्ण क्षेत्र गांव के हाट बजारों में खेले जाते हैं यहाँ सप्ताह में हर दिन कहीं न कहीं मुर्गा बाजार Murga Bazar होता ही है लेकिन शौकीनों का शौक कम नहीं, बल्कि और बढ़ता जा रहा है।

ग्रामीणों के साथ-साथ शहरी भी यहां भाग्य अजमाने पहुंचते हैं और हजारों-लाखों मुर्गा पर दांव खेलते हैं पहले मुर्गा बाजार Murga Bazar सीमित स्थानों में होता था, पर अब लगभग-लगभग सभी साप्ताहिक हाट-बाजारों में मुर्गा लड़ाई murga ladai का आयोजन होता है।

इस तरह की मुर्गा लड़ाई murga ladai बस्तर के अलावा आंध्रप्रदेश, उड़ीसा और अन्य जगहों में भी बहुत ज्यादा प्रचलित है। मुर्गा लड़ाई लगभग दोपहर को प्रारंभ होने के बाद देर शाम तक जारी रहता है इस दौरान सैकड़ों लोग इस पर दांव खेलते है। इसके लिए ग्रामीण आस पास के अलावा दूरस्थ अंचलों में भरने वाले साप्ताहिक हाट-बाजारों तक का सफर तय करते हैं।

यह भी पढें – औषधीय गुणों की तरह है बस्तर की डुडूम मछली

पैरों पर बांधी जाती है धारदार काती

पैरों पर बांधी जाती है धारदार काती – दो मुर्गा को आपस में लड़ाने से पहले दोनो मुर्गा में तीखी धार वाले ब्लेड बांधे जाते हैं, जिन्हें काती कहा जाता है, इसे बांधने वाले जानकार मुर्गा काती बांधने को मेहनताना भी दिया जाता हैं।

इसके बाद इन्हें आपस में लड़ाया जाता है। इन मुर्गों को रंगों के आधार पर कबरी, चितरी, जोधरी, लाली आदि नामों से बुलाया जाता है। मुर्गा लड़ाई के शौकीन ग्रामीण बड़े शौक से मुर्गा पालते हैं,

मुर्गों का असील प्रजाति खासकर आंध्र प्रदेश और बस्तर के सीमावर्ती क्षेत्र में पाई जाती है। उम्मीद करता हूँ यहं जानकारी आप को पसंद आई। हो सके तो अपने दोस्तो के साथ भी शेयर जरूर करे। ऐसी ही जानकारी daily पाने के लिए हमारे Facebook Page को like करे इससे आप को हर ताजा अपडेट की जानकारी आप तक पहुँच जायेगी।

!! धन्यवाद !!

इन्हे भी एक बार जरूर पढ़े :-

Share:

Facebook
Twitter
WhatsApp

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

On Key

Related Posts

बस्तर-क्षेत्रों-का-परम्परागत-त्यौहार-नवाखाई-त्यौहार

बस्तर क्षेत्रों का परम्परागत त्यौहार नवाखाई त्यौहार

बस्तर के नवाखाई त्यौहार:- बस्तर का पहला पारम्परिक नवाखाई त्यौहार Nawakhai festival बस्तर Bastar में आदिवासियों के नए फसल का पहला त्यौहार होता है, जिसे

बेहद-अनोखा-है-बस्तर-दशहरा-की-डेरी-गड़ई-रस्म

बेहद अनोखा है? बस्तर दशहरा की ‘डेरी गड़ई’ रस्म

डेरी गड़ाई रस्म- बस्तर दशहरा में पाटजात्रा के बाद दुसरी सबसे महत्वपूर्ण रस्म होती है डेरी गड़ाई रस्म। पाठ-जात्रा से प्रारंभ हुई पर्व की दूसरी

बस्तर-का-प्रसिद्ध-लोकनृत्य-'डंडारी-नृत्य'-क्या-है-जानिए

बस्तर का प्रसिद्ध लोकनृत्य ‘डंडारी नृत्य’ क्या है? जानिए……!

डंडारी नृत्य-बस्तर के धुरवा जनजाति के द्वारा किये जाने वाला नृत्य है यह नृत्य त्यौहारों, बस्तर दशहरा एवं दंतेवाड़ा के फागुन मेले के अवसर पर

जानिए-बास्ता-को-बस्तर-की-प्रसिद्ध-सब्जी-क्यों-कहा-जाता-है

जानिए, बास्ता को बस्तर की प्रसिद्ध सब्जी क्यों कहा जाता है?

बस्तर अपनी अनूठी परंपरा के साथ साथ खान-पान के लिए भी जाना जाता है। बस्तर में जब सब्जियों की बात होती है तो पहले जंगलों

Scroll to Top
%d bloggers like this: