बस्तर Bastar में कई तरह के आनाज की फसलें ली जाती हैं, पर चावल यहाँ के भोजन में मुख्य रूप से शामिल है, बस्तर में धान की सर्वाधिक पैदावार होने के कारण मुख्यत धान की फसल बहुत अधिक मात्रा में की जाती है, और धान की बुआई के बाद खेत में बियासी Biyasi देना बहुत महत्वपूर्ण काम होता है।
बियासी क्या है?
बियासी Biyasi अगस्त के महीने में जब धान के पौधे 25-30 से0मी0 की लंबाई के होते हैं और खेतों में पर्याप्त पानी भरा होता है तब खेत में हल चलाया जाता है हल चलाते समय लाइन की दूरी लगभग 10-15 से0मी0 होती है जिसे बियासी Biyasi मारना कहा जाता हैं, रोपाई वाले धान में बियासी Biyasi नहीं किया जाता है।
धान बुआई के समय जब बुआई की जाती है, तो बीज एक दूसरे के एकदम आस पास गिरते हैं जिससे धान के पौधे बहुत धने हो जाते हैं, जिससे उन्हें वृद्धि करने का प्रर्याप्त जगह नहीं मिल पाता है।
बियासी मारने के फायदे
बियासी Biyasi मारने के फायदे बियासी मारने के बाद खेत की मिट्टी ढीली हो जाती है और आपस में पौधों की दूरी बढ़ जाती है.
जिससे धान को बढ़ने का पर्याप्त समय मिल जाता है, और बियासी Biyasi के बाद खेत में अनावश्यक घास यानी कि खरपतवार उग आने पर उसे उखाड़ कर नष्ट कर दिया जाता है जिसे निंदाई कहा जाता है।
बियासी Biyasi के बाद समय देखकर खेत में आवश्यकतानुसार ऊर्वरक व कीटनाशक का छिड़काव भी किया जाता है, जिससे धान के पौधें बहुत ही जल्दी विकास करता हैं,
इस प्रकार खेत में बियासी Biyasi देना धान की फसल के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है उम्मीद करता हूँ यहं जानकारी आप को पसंद आई। हो सके तो अपने दोस्तो के साथ भी शेयर जरूर करे। ऐसी ही जानकारी daily पाने के लिए हमारे Facebook Page को like करे इससे आप को हर ताजा अपडेट की जानकारी आप तक पहुँच जायेगी।
!! धन्यवाद !!
इन्हे भी एक बार जरूर पढ़े :-
बस्तर संभाग का एक मात्र ईटो से निर्मित बौद्ध गृह
यहां होती है भगवान शिव की स्त्री के रूप में पूजा