छतोड़ी Chatodi बस्तर bastar की परंपरागत बरसो से चली आ रही है तो आज हम बस्तर की एक ऐसी अनोखी चिज के बारें में जानेगें जो अब बिलकुल भी देखने को नहीं मिलता और शायद आज के दौर में बहुत से लोगों को इसके बारें में पता भी नहीं होगा तो चालिए आज हम जानते है बस्तर में बरसात के दिनों में ओडे जाने वाली छतोड़ी Chatodi के बारें में –
छतोड़ी बस्तर के ग्रामीणजनों के लिए एक बहुत अच्छा वरदान है जिसे बरसात के दिनों में हो या गरमी के दिनों में तेज धूप के लिए इसे बहुत अच्छे से उपयोग में लिया जाता है जिसे बस्तरवासी चाहे वो धान रोपाई हो या बियासी हो या गाय बैल चराने हो या बरसात के दिनो में खेत जाना है या मछली पकड़ने तालाब तो वह छतोड़ी पहनकर ही जाते है।
छतोड़ी को बरसात से बचने के लिए छाता के स्थान पर छतोड़ी का उपयोग करते है। और अब छतोड़ी Chatodi के स्थान पर हाथो में सिर्फ काला छाता ही दिखता है भले ही पानी गिरे या तेज धुप हो। ऐसी कोई नहीं जिसके हाथो में काला छाता ना हो, छतोड़ी तो अब बीते दिनों की बात हो गई है।

छतोड़ी का उपयोग बडे से लेकर बच्चे तक करते है छतोड़ी गोलाकार का होता है और इसे बच्चे के लिए छोटा और बडे के लिए बडा आकार का बनाया जाता है जिससे किसी भी प्रकार का कोई परेशानी नहीं होता है अब बस्तर में सावन भादो की बरसात मे सभी जगह रंग बिरंगे लाल काले छाते ओढे ही अब लोग दिखते है।
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आज कल छतोड़ी Chatodi का उपयोग बहुत ही कम मतलब किया ही नहीं जाता, छतोड़ी पुरी तरह से लुप्त हो रहा है छतोड़ी पहनकर अब ज्यादा कोई भी नहीं दिखता एक समय था जब गाँवो मे बांस से बनी छतोड़ी ओढे महिलाये खेतो मे रोपा लगाते हुए दिखाई देती थी। छतोड़ी पर पड़ती वर्षा की बुन्दे टीप टीप की मधुर संगीत कानो मे घोलते रह्ती थी।
छतोड़ी Chatodi को बांस से बनाया जाता है इसे बनाने के लिए लचीले बांस की खपचियों को उड़नतश्तरी के आकार में बनाया जाता है। बीच में पत्तें या प्लास्टिक की झिल्लियों को डालकर कर लचीले पतले बांस से एंव रस्सियों से मजबूती से बांध दिया जाता है और उसके बाद छतोड़ी तैयार हो जाती है। उम्मीद करता हूँ जानकारी आप को पसंद आई है। हो सके तो दोस्तो के साथ शेयर भी जरूर करे। ऐसी ही जानकारी daily पाने के लिए Facebook Page को like करे इससे आप को हर ताजा अपडेट की जानकारी आप तक पहुँच जायेगी।
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