कोण्डागॉव जिले की रोचक जानकारी – Kondagaon district Chhattisgarh

कोण्डागॉव-जिले-की-रोचक-जानकारी-Kondagaon-district-Chhattisgarh

कोण्डागॉव Kondagaon district छत्तीसगढ़ प्रान्त के बस्तर Bastar संभाग का एक शहर है  कोण्डागॉव का प्राचीन नाम कोण्डानार था। कोण्डागॉव जिले की निर्माण की घोषणा दिनांक 01 जनवरी 2012 को की गई तथा इसका विधिवत उद्वघाटन 16 जनवरी 2012 को हुआ कोण्डागॉव जिले का 2011 की जनगणना के अनुसार यह छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक स्त्री-पुरुष अनुपात ( 1033:1000 ) जनघनत्व 157, साक्षरता दर 56.4 प्रतिशत, पुरूषो की साक्षरता दर 67.45 प्रतिशत महिलाओं की साक्षरता दर  45.37 प्रतिशत वाला जिला है।

कोण्डागॉव जिला कुल 6050.73 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला हुआ है कोण्डागांव जिला का राजस्व अनुभाग कोण्डागाँव एवं केशकाल, जिले का तहसील कोण्डागाँव, केशकाल फरसगाँव, माकड़ी, बड़ेराजपुर, ग्राम पंचायत की संख्या 263, कुल जनसंख्या 578824, जिसमें पुरूषों की कुल जनसंख्या 284781 एंव महिलाओं की कुल जनसंख्या 294043, साक्षरता का प्रतिशत 57.31, स्कूलों की संख्या 2153 आश्रम छात्रावास की संख्या 122 एंव सामुदायिक अस्पताल 05 है।

कोण्डागॉव जिला में भारत सरकार द्वारा नारियल बोर्ड स्थापित किया गया है जो छत्तीसगढ में एक मात्र है यह नारियल उगने से लेकर नरियल व़क्ष से विभिन्न वस्तुए बनाने का  प्रशिक्षण देने का भी प्रावधान है कोण्डागॉव में वन विभाग का जो काष्ठागार है वह एसिया में सबसे बडा विशाल है जिसका क्षेत्रफल 200 एकड से भी अधिक है।

नारंगी नदी कोण्डागॉव होकर गुजरती है। नारंगी नदी के किनारे पर्यटन स्थल एवं कोण्डागॉव बसा हुआ है। कोण्डागॉव ज़िला घने जंगलों को भाव और सुरम्य वातावरण से बस्तर संभाग पुरे छत्तीसगढ़ राज्य में चर्चित है कोण्डागॉव चारों ओर घने जंगलों से घिरा है।  यहाँ का तापमान सामान्यत कम होता है, यहाँ अनेक दर्शनीय पर्यटन स्थल हैं।

शिक्षा एंव स्वास्थ्य की सुविधाए

कोण्डागॉव शिक्षा के क्षेत्र में कॉलेज विश्वविद्यालय जिला परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज कोण्डागॉव, शासकीय गुन्डाधूर महाविद्यालय कोण्डागॉव, शासकीय नवीन महाविद्यालय फरसगांव, शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) कॉलेज केशकाल, शासकीय नवीन महाविद्यालय केशकाल एंव स्वास्थ्य सेवाओं में जिला अस्पताल आर एन टी कोण्डागॉव चिखलपुट्टी  जिले में मुख्य रूप से शामिल है।

प्रमुख भाषाएं

कोण्डागॉव जिला में मुख्यत हिंदी हल्बी गोंडी छत्तीसगढ़ी और कई भाषाएं बोली जाती हैं  बात अगर इकनोमिक करें तो कोण्डागॉव जिला मुख्य कृषि प्रधान क्षेत्र है |

पर्यटन स्थल

कोपाबेड़ा शिव मंदिर – कोपाबेड़ा स्थित शिव मंदिर कोण्डागॉव से 4.5 कि.मी. दूर नांरगी नदी के पास स्थित है।

आराध्य माँ दंतेश्वरी बडे़डोंगर – आराध्य माँ दंतेश्वरी बडे़डोंगर कोण्डागॉव से 46 कि.मी. दूरी पर स्थित है यह मंदिर पहाडि़यों से घिरा यह क्षेत्र बडे़डोंगर अपने इतिहास का बखान कर रहा है।

आलोर – आलोर जनपंद पंचायत फरसगांव जिला कोण्डागॉव के अंतर्गत आता है। आलोर की दांयी दिशा में बहुत ही मनोरम पर्वत श्रृंखला है।

जटायु शिला – जटायु शिला फरसगांव जिला कोण्डागॉव के समीप मुख्य मार्ग से पशिचम दिशा में 3 किमी की दूरी पर सिथत है।

केशकाल घाटी – कोण्डागॉव जिले की केशकाल घाटी राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर कोण्डागॉव और कांकेर के मध्य है।

टाटामारी – टाटामारी धन धान्य की अधिश्ठात्री शक्ति स्वरूप माता महा लक्ष्मी शक्ति पीठ टाटामारी केशकाल में आदिकाल से पौराणिक मान्यताओं पर अखण्ड ऋषि के तपोवन पर स्थापित है।

ऐतिहासिक धार्मिक स्थल गढ़ धनोरा – ऐतिहासिक धार्मिक स्थल गढ़ धनोरा कोण्डागॉव जिले के केशकाल तहसील में स्थित है।

भोंगापाल – भोंगापाल कोण्डागॉव जिले के फरसगांव तहसील के बडे़डोंगर क्षेत्र में भोंगापाल स्थित है। भोंगापाल, बंडापाल, मिसरी तथा बड़गई ग्रामों के मध्य बौद्धकालीन ऐतिहासिक टीले एवं मौजुद हैं।

कैसे पहुचें कोण्डागॉव 

कोण्डागॉव के समीप एयरपोर्ट्स स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर कोण्डागॉव से लगभग 220 कि.मी. जगदलपुर एयरपोर्ट से कोण्डागॉव लगभग 80 कि.मी. की दूरी पर है।

बस मार्ग राष्ट्रीय राज मार्ग क्रमांक 30 जिले से होकर गुजरती है। तथा राष्ट्रीय राज मार्ग क्रमांक 49 जिला कोण्डागॉव से नारायणपुर के लिये स्थापित किया गया है।

नियमित उपलब्ध बस सेवाओं से छत्तीसगढ़ राज्य के किसी भी हिस्से से कोण्डागॉव बडे आसानी से पहुंचा जा सकता है। कोण्डागॉव जिला जगदलपुर और रायपुर जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जगदलपुर  से कोण्डागॉव 80 किलोमीटर एंव रायपुर 242 किमी है  जिले में यातायात का प्रमुख साधन सडक मार्ग है। 

निष्कर्ष:-

कोण्डागॉव Kondagaon district आप को एक बार भ्रमण के लिए जरूर आना चाहिए जंहा आराध्य माँ दंतेश्वरी  बडे़डोंगर, आलोर, जटायु शिला, केशकाल घाटी, टाटामारी, ऐतिहासिक धार्मिक स्थल गढ़ धनोरा, भोंगापाल जैसे पर्यटन स्थल है उम्मीद करता हूँ जानकारी आप को पसंद आई है। हो सके तो दोस्तो के साथ शेयर भी जरूर करे। ऐसी ही जानकारी daily पाने  के लिए Facebook Page को like करे इससे आप को हर ताजा अपडेट की जानकारी आप तक पहुँच जायेगी।

!! धन्यवाद !!

इन्हे भी एक बार जरूर पढ़े :-

बस्तर का बोड़ा सबसे महंगा क्यों है?
प्राकृतिक सौंदर्य तीरथगढ जलप्रपात
नारायणपुर जिले की रोचक जानकारी
टाटामारी केशकाल क्यो प्रसिद्ध है ? जानिएं
अमरावती कोण्डागॉव शिव मंदिर
जगदलपुर शहर बस्तर छत्तीसगढ़ की सच्चाई नहीं जानते होंगे
बस्तर का इतिहास के बारे में नहीं जानते होगें आाप
कुटमसर गुफा जगदलपुर बस्तर

Share:

Facebook
Twitter
WhatsApp

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Social Media

Most Popular

Categories

On Key

Related Posts

बेहद-अनोखा-है-बस्तर-दशहरा-की-डेरी-गड़ई-रस्म

बेहद अनोखा है? बस्तर दशहरा की ‘डेरी गड़ई’ रस्म

डेरी गड़ाई रस्म- बस्तर दशहरा में पाटजात्रा के बाद दुसरी सबसे महत्वपूर्ण रस्म होती है डेरी गड़ाई रस्म। पाठ-जात्रा से प्रारंभ हुई पर्व की दूसरी

बस्तर-का-प्रसिद्ध-लोकनृत्य-'डंडारी-नृत्य'-क्या-है-जानिए

बस्तर का प्रसिद्ध लोकनृत्य ‘डंडारी नृत्य’ क्या है? जानिए……!

डंडारी नृत्य-बस्तर के धुरवा जनजाति के द्वारा किये जाने वाला नृत्य है यह नृत्य त्यौहारों, बस्तर दशहरा एवं दंतेवाड़ा के फागुन मेले के अवसर पर

बस्तर-क्षेत्रों-का-परम्परागत-त्यौहार-नवाखाई-त्यौहार

बस्तर क्षेत्रों का परम्परागत त्यौहार नवाखाई त्यौहार

बस्तर के नवाखाई त्यौहार:- बस्तर का पहला पारम्परिक नवाखाई त्यौहार Nawakhai festival बस्तर Bastar में आदिवासियों के नए फसल का पहला त्यौहार होता है, जिसे

जानिए-बास्ता-को-बस्तर-की-प्रसिद्ध-सब्जी-क्यों-कहा-जाता-है

जानिए, बास्ता को बस्तर की प्रसिद्ध सब्जी क्यों कहा जाता है?

बस्तर अपनी अनूठी परंपरा के साथ साथ खान-पान के लिए भी जाना जाता है। बस्तर में जब सब्जियों की बात होती है तो पहले जंगलों

Scroll to Top
%d bloggers like this: