घर पर बवासीर का इलाज – Treatment of piles at home in hindi बवासीर के इलाज बवासीर एक ऐसी समस्या है, जिसे अक्सर लोग गंभीरता से नहीं लेते या फिर यह समस्या होने पर किसी से कहने में हिचकिचाते हैं। सही समय पर उपचार न करने के कारण समस्या काफी बढ़ जाती है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें एनस के अंदर और बाहरी हिस्से की शिराओं में सूजन आ जाती है।
इसकी वजह से गुदा के अंदरूनी हिस्से में या बाहर के हिस्से में कुछ मस्से जैसे बन जाते हैं, जिनमें से कई बार खून निकलता है और दर्द भी होता है। अगर आप भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं तो इसकी अनदेखी न करें। आप इन छोटे−छोटे उपायों को अपनाकर बवासीर या पाइल्स का आसानी से इलाज कर सकते हैं−
त्रिफला चूर्ण
त्रिफला चूर्ण बवासीर का एक प्रमुख कारण कब्ज है और कब्ज को दूर करने में त्रिफला चूर्ण बेहद प्रभावी तरीके से काम करता है। इसलिए बवासीर के इलाज के लिए त्रिफला चूर्ण काफी कारगर है। इसके लिए 4 ग्राम त्रिफला चूर्ण रोज रात को सोने से पहले, गर्म पानी में लें। कुछ ही दिनों में आपको स्थित मिें परिवर्तन नजर आएगा।
अधिक पानी पीएं
अधिक पानी पीएं बवासीर को ठीक करने का सबसे आसान व प्रभावी तरीका है। आप अपने वाटर इनटेक पर विशेष रूप से ध्यान दें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से कब्ज दूर होती है और इस तरह से बवासीर से छुटकारा मिलता है। प्रत्येक दिन 8−10 गिलास पानी पीने से पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है।
हींग
हींग को बवासीर के मरीज को अपनी डाइट में जरूर शामिल किया जाना चाहिए। आप इसे सब्जी के तड़के में इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर एक गिलास पानी में घोलकर प्रतिदिन सेवन कर सकते हैं। यह पाचन में सुधार करता है और इसलिए बवासीर के इलाज के लिए प्रभावी माना जाता है।
नारियल का तेल
नारियल का तेल एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है, जो खूनी बवासीर से राहत दिलाने में मददगार है। नारियल का तेल लगाने से जलन और सूजन कम होती है। साथ ही इससे खुजली से भी राहत मिलती है।
बवासीर के लक्षण परहेज और अचूक दवा Piles treatment at home in hindi
Piles treatment at home in hindi : बवासीर यानि piles को अर्श रोग भी कहते है. यह रोग मुख्यतः युवावस्था में होता है. बवासीर रोग दो प्रकार का होता है. एक जिसमे मल द्वार के अन्दर मस्से होते है और दुसरे में मस्से मल द्वार के बाहर होते है. यह रोग अत्यंत कष्टकारी होता है. इस रोग में कभी कभी मल त्याग करते समय खून भी आ जाता है जिसे खुनी बवासीर कहते है।
खूनी बवासीर अंदरूनी मस्सों के कारण होता है. इस Piles treatment at home in hindi में आप bawasir रोग के कारण, लक्षण, आहार, परहेज , बवासीर का घरेलु इलाज, बवासीर का आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट और बाबा रामदेव की मेडिसिन की भी पूरी जानकारी पायेंगे.
बवासीर के कारण – Piles Cause in hindi
बवासीर रोग का सबसे प्रमुख कारण कब्ज है. अनियमित खान-पान, एक ही स्थान पर बैठ कर लगातार काम करना, लीवर के कमजोर हो जाने के कारण, मदिरा पान करने के कारण या फिर गरिष्ठ पदार्थ जैसे भोजन में अत्यधिक मात्रा में मिर्च मसाले का प्रयोग होने के कारण Piles रोग होने की संभावना सबसे अधिक बढ़ जाती है।
बवासीर में परहेज – Avoiding piles In Hindi
बवासीर में परहेज Avoiding piles In Hindi :- ऐसे आहार जो कब्ज कारक हो और पेट में गैस बनाते हो. उनका सेवन नहीं करना चाहिए. जिनमे मिष्ठान, चाय, काफी, तली भुनी चीजे, मादक द्रव्य, बीड़ी-सिगरेट, मिर्च मसाला, खटाई, उड़द, गोभी, मांस इत्यादि सेवन कटाई नहीं करना चाहिए साथ ही मल मूत्र अदि के वेग को भी अधिक देर तक नहीं रोकना चाहिए।
बवासीर में आहार – Dietary piles
बवासीर में आहार Dietary piles :- ऐसे पदार्थो का सेवन अधि से अधिक मात्रा में करना चाहिए जो सुपाच्य अर्थात जल्दी पच जाने वाला भोजन करना चाहिए. जैसे पपीता, जौ, गेहूं, मट्ठा, करेला, बथुआ, परवल, आंवला, काला नमक, गाय का दूध, मूंग दाल की खिचड़ी, कच्चा नारियल, पालक, गाजर, चुकंदर मूली, जिमीकंद इत्यादि भोज्य पदार्थो का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहिए और पानी अधिक से अधिक मात्रा में पीना चाहिए।
बवासीर का घरेलु उपचार Piles Treatment at home
बवासीर का घरेलु उपचार बवासीर का इलाज करने के लिए सबसे पहले तो आहार नियमों का पालन करे क्या खाना है और क्या परहेज करना है. यदि अआप परहेज करेंगे तो यह रोग और भी तेजी से ख़तम हो जायेगा. इस लिए सबसे पहले आहार नियमों का पालन करे-
- बवासीर चाहे जैसा भी हो भोजन के साथ मूली का सेवन जरूर करे. संभव हो तो मूली का रस सूबह या शाम को पिए. इससे पेट की जठराग्नि मजबूत होती है।
- बवासीर रोगी को रोज मट्ठे का सेवन करना चाहिए इससे पेट के जीर्ण रोग नष्ट हो जाते है और डाईजेशन मजबूत बनता है।
- कालीमिर्च और जीरा को सामान मात्र में पीस ले और 1-1 ग्राम के अनुपात में सुबह शाम शहद के साथ ले बवासीर रोग जड़ से ख़तम हो जाता है।
- सुबह खाली पेट निम्बोली के पञ्च बीज मिश्री के साथ एक माह तक खाने से piles रोग ख़तम हो जाता है।
- शाम को सोने से पूर्व 1 गिलास पानी गुगुना कर ले और कालानमक के साथ पिए. इस प्रयोग को नित्य करने से कब्ज ढीला पड़ता है और पेट की सारी गन्दगी धीरे धीरे मल के साथ बाहर निकल जाता है और बवासीर रोग धीरे धीरे ख़तम हो जाता है।
बवासीर का आयुर्वेदिक उपचार – Piles Treatment in Ayurveda
बवासीर का आयुर्वेदिक उपचार – Piles Treatment in Ayurveda :- 10 ग्राम त्रिफला चूर्ण में 10 ग्राम पंचसकार चूर्ण मिला ले और 2-2 ग्राम की 10 पुड़िया बना ले. इस तैयार चूर्ण को रोज रात में गुनगुने पानी के पिए. और 40 ग्राम त्रिफला चूर्ण में, 5 ग्राम काला जीरा, 5 ग्राम काला नमक, 5 ग्राम पिसी धनिया और 10 ग्राम शोधित फिटकरी मिला ले और इसकी भी 2-2 ग्राम की पुड़िया बना ले और दिन में तीन बार मट्ठे के साथ सेवन करे. बवासीर खुनी हो बादी ये दवा दोनों ही प्रकार ही Piles में राम बाण काम करता है. इस प्रयोग को नित्य करने से बवासीर रोग मात्र दो हफ्ते में ही ख़तम हो जाएगा।
बवासीर के मस्सों के लिए दवा
बवासीर के मस्सों के लिए दवा :- 50 ग्राम अंडी के तेल को गुनगुना कर ले उसके बाद इस तेल के ठंडा हो जाने के बाद इसमें 10 ग्राम की मात्रा में कपूर और 5 ग्राम फिटकरी मिला ले. इस तैयार तेल से मस्सों की हलके हलके मालिश करे इससे मस्सों की खुजली और जलन कम हो जाती है और धीरे धीरे मस्से सूख जाते है।
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