दोस्तों आज हम बात करेंगे बहेड़ा के फायदे behda ke fayde सुनकर उड़ जायेंगे आपके होश- Bahera Tree Uses in Hindi बहेड़ा के पौधे के बारे में जी हां बहेड़ा जिसे हिंदी में बड़ा बहेड़ा अली बलोच आदि नामों से जाना जाता है बहेड़ा का वृक्ष काफी ऊंचा पिलाई लिए सफेद चाल वाला होता है।
बहेड़ा के पत्ते बरगद के पत्तों से मिलते जुलते 3 से 4 इंच लंबे और 2 से 3 इंच चौड़ी छोटी टहनियों के अंत में लगे रहते हैं बहेड़ा के फूल छोटे पीलापन लिए हुए होते हैं बहेड़ा के फल अंडाकार कत्थई रंग के होते हैं।
बहेड़ा Bahera फलों में एक बीज रहता है यह भारत में सर्वोच्च पाया जाता है विशेष रूप से पहाड़ी प्रदेशों में बहेड़ा यह स्वाद में कसैला पचने पर मधुर तथा रूखा हल्का तथा कर्म है इसका मुख्य प्रभाव स्वासन नली पर पड़ता है श्वसन नलिकाओं की सूजन कम करने तथा कब नष्ट करने वाला होता है यह चर्म रोग नेत्रों तथा केसों के लिए भी तार है यदि आपको सूजन है तो इसके फल की मात्रा एवं छाल का लेप करने से सूजन कम हो जाती है।
नेत्र की सफेदी बहेड़ा की बिक्री शहद में किसका नेट की सफेदी में लगाने से आराम होता है पांच विकार सब प्रकार के स्वास्थ्य पर बहेड़ा पीपल की छाल पीसकर घी में भूनकर शहद के साथ खाने से सांस में लाभ मिलता है और इसके फुटपाथ करके भी पका सकते हैं।
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बहेड़ा Bahera के फल को जलाकर उसके चूर्ण में काला नमक मिलाकर देने से अतिसार मिट जाता है मात्र 1 से 2 महीना के बीच देने चाहिए चलन में फायदा बहेड़ा के बीच को पानी में घिसकर उसका लेप किसी भी जलने वाले स्थान पर लगने से तुरंत आराम मिल जाता है।
रोजाना एक बोहेड़ा खाने से काम शक्ति बढ़ती है कब महिला के कच्चे फल को पीस कर रोजाना सेवन करने से कब्ज ठीक हो जाता है और पेट बिल्कुल साफ हो जाता है बालों के लिए फायदेमंद है बहेड़ा के फल के चूर्ण को पूरी रात पानी में डालकर रखें और सुबह उसी पानी से बालों को धो ली बालों का गिरना बंद हो जाता है और जड़े मजबूत हो जाती हैं।
बहेड़ा Bahera के गुण बहेड़ा कब्ज को दूर करने वाला होता है। यह मेदा (आमाशय) को शक्तिशाली बनाता है, भूख को बढ़ाता है, वायु रोगों को दस्तों की सहायता से दूर करता है, पित्त के दोषों को भी दूर करता है, सिर दर्द को दूर करता है, बवासीर को खत्म करता है, आंखों व दिमाग को स्वस्थ व शक्तिशाली बनाता है।
यह कफ को खत्म करता है तथा बालों की सफेदी को मिटता है। बहेड़ा-कफ तथा पित्त को नाश करता है तथा बालों को सुन्दर बनाता है। यह स्वर भंग (गला बैठना) को ठीक करता है। यह नशा, खून की खराबी और पेट के कीड़ों को नष्ट करता है तथा क्षय रोग टी.बी तथा कुष्ठ कोढ़, सफेद दाग में भी बहुत लाभदायक होता है।
बहेड़े की मींगी- बहेड़े की मींगी प्यास को मिटाती है। यह उल्टी को रोकती है, कफ को शांत करती है तथा वायु दोषों को दूर करती है। यह हल्की, कषैली और नशीली होती है। आंवला की मींगी के गुण भी इसी के समान होता है। इसका सुरमा आंखों के फूले को दूर करता है।
बहेड़ा वृक्ष में पाये जाने वाले पोषक तत्व
बहेड़ा वृक्ष में पाये जाने वाले पोषक तत्व फल में टेनिन, बी-सीटोस्टेरॉल, गैलिक एसिड, इलेगिकएसिड, एथिल गैलेट, चेबुलेजिक एसिड, मैनिटाल, ग्लूकोज, गैलेक्टोज फ्रक्टोज तथा रैमनोज होते है, बीज मज्जा से चमकीले पीले रंग का स्थिर तेल निकलता हैं। बहेड़ा की छाल में टैनिन होता है।
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आयुर्वेदिक मतानुसार बहेड़ा के फायदे behda ke fayde – बहेड़ा रस में मधुर, कषैला, गुण में हल्का, खुश्क, प्रकृति में गर्म, विपाक में मधुर, त्रिदोषनाशक, उत्तेजक, धातुवर्द्धक, पोषक, रक्तस्तम्भक, दर्द को नष्ट करने वाला तथा आंखों के लिए गुणकारी होता है। यह कब्ज, पेट के कीड़े, सांस, खांसी, बवासीर, अपच, गले के रोग, कुष्ठ, स्वर भेद, आमवात, त्वचा के रोग, कामशक्ति की कमी, बालों के रोग, जुकाम तथा हाथ-पैरों की जलन में लाभकारी होती है।
आँख के लिए बहेड़ा के सेवन विधि
गलत खान पान की वजह से कम उम्र में ही आँखों की रौशनी से परेशान लोगो के लिए यह रामबाण है रोजाना बहेड़ा के छिल्को और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाएं और एक ग्लास गुनगुने पानी के साथ इसे ले जिससे आँखों की रौशनी बहुत जल्दी सही होने लगती है।
नपुंसकता में बहेड़ा के सेवन विधि
नपुंसकता में 3 ग्राम बहेड़े के चूर्ण में 6 ग्राम गुड़ मिलाकर प्रतिदिन नियमित रूप से सुबह-शांम सेवन करने से नपुंसकता मिटती है और कामोद्दीपन होता है।
नेत्र रोग में बहेड़ा के सेवन विधि
नेत्र ज्योति में बहेड़े और खंड के समभाग मिश्रण का सेवन करने से नेत्रों की ज्योति को बढ़ता है। नेत्र पीड़ा में बहेड़ा की छाल का शहद के साथ लेप करने से नेत्र की पीड़ा मिटती है।
पीलिया में बहेड़ा के सेवन विधि
पीलिया एक ऐसा रोग है जिसमे हमारा लीवर बुरी तरह प्रभावित होता है लेकिन बहेड़ा के सेवन से इसे ठीक किया जा सकता है बहेड़ा के चूर्ण के साथ एक चम्मच शहद का सेवन आपको पीलिया से मुक्त कर देता है ऐसा रोजाना करने से बहुत जल्दी पीलिया में आराम मिलता है।
खांसी में बहेड़ा के सेवन विधि
खांसी में बहेड़े के छिलके को मुंह में रखकर चूसते रहने से खांसी नष्ट हो जाती है। तथा कफ बाहर निकल जाता है। बकरी के दूध में अडूसा, काला नमक और बहेड़े डालकर पकाकर खाने से तर और सूखी दोनों प्रकार की खांसी शीघ्र नष्ट हो जाती है।
शरीर को मजबूत बनाये बहेड़ा के सेवन विधि
शरीर को मजबूत बनाये बहेड़ा यह एक अच्छा कैल्शियम का स्त्रोत है और हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत फायदेमंद है रोजाना एक आंवले के मुरब्बे के साथ एक चम्मच बहेड़ा की छालो का चूर्ण मिलाएं और सेवन करे जिससे आप शरीर मजबूत होगा और हड्डियों की कमजोरी भी दूर होगी।
पाचन शक्ति में बहेड़ा के सेवन विधि
मंदाग्नि (पाचन शक्ति) में विभीतक फल के 3 से 6 ग्राम चूर्ण की भोजनोपरांत फंकी लेने से पाचन शक्ति तीव्र होती है और मंदाग्नि मिटती है। आमाशय को ताकत मिलती है।
दस्त में बहेड़ा के सेवन विधि
दस्त में बहेड़ा के पेड़ की 2-5 ग्राम छाल और 1-2 नग लौंग को 1 चम्मच मधु में पीसकर दिन तीन-चार बार चटाने से दस्त बंद हो जाते है। 2-3 नग भुना हुआ बहेड़ा पुराने दस्तों को बंद कर देता है।
खुजली में बहेड़ा के सेवन विधि
खुजली में बहेड़े के फल की गिरी का तेल कण्डू रोग में लाभकारी है दाहशामक है। बहेड़े की मालिश से खुजली और जलन मिट जाती है।
बालों का झड़ना कम करे बहेड़ा के सेवन विधि
बालों का झड़ना कम करे बहेड़ा कम उम्र में बालों के झड़ने की समस्या आज के समय में आम हो गई है दो चम्मच बहेड़े का फल ले और इसे पीसकर एक कप पानी में रातभर के लिए भिगो दे अब सुबह इस पानी से अपने बालों को धोये जिससे आपके बाल झड़ना बंद हो जायेगे बेहतर परिणामो के लिए हफ्ते में तीन बार इसका इस्तेमाल करे।
कुष्ठ रोग में बहेड़ा के सेवन विधि
कुष्ठ रोग का सबसे बढ़िया इलाज है बहेड़ा। बहेड़ा की पेड़ की छल का काढा बनाकर पीने से कुष्ठ रोग खत्म होने लग जाता है।
बुखार में बहेड़ा के सेवन विधि
बुखार में बहेड़ा ज्वर (बुखार) में बहेड़े का 40-60 ग्राम काढ़ा सुबह-शाम पीने से पित्त, कफ, ज्वर में लाभ मिलता है। बहेड़े और जवासे के 40-60 ग्राम काढ़ा में 1 चम्मच घी मिलकर सुबह-शाम-दोपहर पीने से पित्त और कफ का बुखार छूट जाता है। और आँखों के आगे अँधेरा होना व चक्कर आना बंद हो जाता है।
निष्कर्ष :-
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